नई दिल्ली [राहुल चौहान]। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (सीएसयू) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) दोनों की पढ़ाई अब एक ही छत के नीचे करने का छात्रों को मौका मिलेगा। इसके लिए इग्नू और सीएसयू के बीच पांच साल के लिए समझौता किया गया है। सीएसयू के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी और इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव द्वारा बुधवार को इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस दौरान प्रो. वरखेड़ी ने कहा कि इग्नू जहां दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है वहीं सीएसयू भी संस्कृत के क्षेत्र में सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। इसके देशभर में 12 क्षेत्रीय केंद्र हैं। इसके साथ ही कई कालेजों में अध्ययन केंद्र भी हैं। वहीं, इग्नू के देशभर में 67 क्षेत्रीय केंद्र और सैकड़ों की संख्या में अध्ययन केंद्र हैं।
इसलिए दोनों विश्वविद्यालयों के इस पांच वर्षीय अकादमिक समझौते से संस्कृत वैश्विक स्तर पर पहुंचेगी। यह समझौता राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इससे छात्रों को सीएसयू के केंद्रों पर इग्नू के कोर्सों की पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा।
दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे के अध्ययन केंद्रों पर अपने-अपने कोर्स की पढ़ाई करने का भी विकल्प उपलब्ध कराएंगे। इससे छात्रों को संस्कृत और दूसरे कोर्स की पढ़ाई करने का एक ही छत के नीचे मौका मिलेगा। इग्नू कुलपति प्रो नागेश्वर राव ने कहा कि इन दोनों विश्वविद्यालयों की केंद्रीय तथा क्षेत्रीय संरचना लगभग एक जैसी ही है। दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त कार्यशालाओं तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी चलाएंगे।
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